बीते हुए पल कभी हाथ नहीं आते
मत ठहेरो उन लम्होंमें जो गुजर जाते
समयकी रेत को चाहे जितना भी जकड़ो मुठ्ठीमें
पता दिए बिना ही वो हाथसे सरक जाते
गम हो या ख़ुशी हर जाम ख़ुशी से पिलो
गमके रास्तेमे ही शायद किसी ख़ुशीसे मिल जाते
अपना बनाकर जीलो हरएक पल जो मिलता है
पता नहीं कब चुपके से जीवन का सूरज ढलता है
By Deepa Sevak
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